बहुत सुंदर आस किरणों सी उज्वल कविता । मुकेश जी तीसरा बेटा बनने का शुक्रिया । पला पलाया बेटा किसे अच्छा न लगेगा पर अंत में नकली क्यूं बन गये । नोवेंबर के बाद में हम दिल्ली जायेंगे तब आप से मुलाकत होगी ।
आदरणीय आशा जी प्रणाम। कविता आपको अच्छी लगी इसके लिये बहुत-बहुत शुक्रिया। आपकी सारी कवितायें मैंने पढ़ली हैं। कवितायें आपकी भावनाओं के साथ-साथ आपकी रचनात्मकता को दर्शाती हैं। दोनों बहुत निर्दोष और जीवंत हैं। नवम्बर में मैं आपसे मिलकर बहुत खुशी होगी। कालेज में आपका एक कविता पाठ रख लेंगे।कविता पाठ के लिये पहले से ही समय तय कर लीजिये। अपना शेडयूल मुझे भेज दीजियेगा ताकि मैं उसी हिसाब से कार्यक्रम तय कर सकूँ। आपका मुकेश मानस
बहुत सुंदर आस किरणों सी उज्वल कविता ।
ReplyDeleteमुकेश जी तीसरा बेटा बनने का शुक्रिया । पला पलाया बेटा किसे अच्छा न लगेगा पर अंत में नकली क्यूं बन गये । नोवेंबर के बाद में हम दिल्ली जायेंगे तब आप से मुलाकत होगी ।
आदरणीय आशा जी
ReplyDeleteप्रणाम। कविता आपको अच्छी लगी इसके लिये बहुत-बहुत शुक्रिया। आपकी सारी कवितायें मैंने पढ़ली हैं। कवितायें आपकी भावनाओं के साथ-साथ आपकी रचनात्मकता को दर्शाती हैं। दोनों बहुत निर्दोष और जीवंत हैं।
नवम्बर में मैं आपसे मिलकर बहुत खुशी होगी। कालेज में आपका एक कविता पाठ रख लेंगे।कविता पाठ के लिये पहले से ही समय तय कर लीजिये। अपना शेडयूल मुझे भेज दीजियेगा ताकि मैं उसी हिसाब से कार्यक्रम तय कर सकूँ।
आपका
मुकेश मानस